धर्म बनाम विज्ञान: टकराव नहीं, समन्वय है
आज के युग में धर्म को सिर्फ "religion" यानी मजहब मान लिया गया है — हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई। लेकिन Sanatan Dharma का अर्थ इससे कहीं अधिक गहरा है। सनातन यानी जो अनादि, अनंत और सत्य की निरंतर खोज पर आधारित हो। सनातन कोई सीमित व्यवस्था नहीं, बल्कि एक जीवन-दर्शन है — जहाँ से अनेक मत, पंथ और विचारधाराएँ निकलीं। ये सब मानवता के हित में संतों, ऋषियों, गुरुओं की साधना से निकले मार्ग थे। विज्ञान तथ्यों पर चलता है, लेकिन धर्म मूल्य सिखाता है। जहाँ विज्ञान बताता है "कैसे", वहीं धर्म सिखाता है "क्यों"। आप विज्ञान के सहारे बच्चा पैदा कर सकते हैं, लेकिन ये धर्म ही सिखाता है कि उस वंश का आधार क्या हो, किसके साथ हो, और क्यों हो। विज्ञान आपको नग्न घूमने से नहीं रोकेगा, पर आपके भीतर के मूल्य (values) आपको रोकेंगे — और यही धर्म का कार्य है। अगर हम केवल विज्ञान पर ही विश्वास करें और मूल्यों को त्याग दें, तो क्या बचता है? एक ऐसी दुनिया जहाँ मशीन इंसान और धातु में फर्क नहीं करती। लेकिन सनातन सिखाता है — "मूल्यविहीन विज्ञान, मानवता के विनाश की ओर ले जाता है।" यही मूल प्रेरणा है मेरी किताब Scientific Sanatan की। जब मैंने अपनी पहली किताब She Wants Shoulder लिखी, तो मैं भावनाओं, रिश्तों, और आत्मस्वीकृति की यात्रा पर था। वो पुस्तक उन युवाओं के लिए थी जो भावनात्मक उलझनों में थे। पर उसमें बहुत सी बातें खुलकर लिखी गईं — और मैं चाहकर भी खुद को रोक नहीं सका। क्योंकि अगर मैं खुद से झूठ बोलता, तो मोक्ष की ओर मेरी यात्रा कभी शुरू ही नहीं हो पाती। Scientific Sanatan उसी यात्रा की दूसरी सीढ़ी है — जहाँ अब मैं केवल "अनुभव" नहीं, "अनुभव + प्रमाण" से बात कर रहा हूँ। इस पुस्तक में हर बात को विज्ञान और धर्म के समन्वय से देखा गया है। ब्राह्मण ग्रंथों से लेकर सूर्य सिद्धांत तक, गीता से लेकर क्वांटम थ्योरी तक। क्योंकि मुझे ये समझ आ गया है — "विज्ञान ब्रह्म का अंश है, ब्रह्म विज्ञान का नहीं।" #ScientificSanatan #SanatanAndScience #DharmaVsScience #SanatanWisdom #SpiritualScience #BrahmGyaan #GeetaAndScience #VedicScience #SanatanTruth #IndianKnowledgeSystem #BharatiyaVigyaan #DharmaMatters #ScienceWithValues #WhyNotHow #SanatanBlog #DeepChughWrites
Deep Chugh
7/24/20251 min read
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